इसको इस तरह डिजाइन किया जाता है कि जब कोई किरण इस कानकेव सर्फेस से टकराती है तो वह रिफलेक्ट होकर सीधी न जाने के बजाए फोकस पर केंद्रित हो जाती है। यह फोकस बिंदू सर्फेस के मध्य से कुछ दूरी पर होता है।
अब अगर डिश एंटीना की बात करें तो यह ऑफसेट एंटीना होता है। यानी कि यह कानकेव सर्फेस से मिलता-जुलता होता है लेकिन यह थोड़ा सा ही अंदर मुड़ा होता है। इस सर्फेस पर जब सिग्नल टकराते हैं तो वह एंटीने में लगे फीड हॉर्न पर केंद्रीत हो जाते हैं। यह फीड हॉर्न इन सिग्नल्स को रिसीव कर लेता है।
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