बचपन के खिलौनें से तय होता है बच्चों का आने वाला भविष्य । हम अपने बच्चों के लिए तरह-तरह के खिलौने लाते है जिससे कि वो हमेशा खुश रहें। लेकिन हम कई बार बच्चों के लिए खिलोना खरीदकर लाते है तो हम बोलते है कि यह खिलौना आपके लिए नहीं बल्कि लड़की के लिए या फिर लड़के के लिए है। लेकिन क्या आप जानते है कि इससे आप अपने बच्चों को बचपन से ही लैंगिक के बारें में बता रहे है। एक नए अध्ययन में दावा किया है कि खिलौनों को लेकर बच्चों की पसंद को लैंगिक आधार पर सीमित नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इन सबसे परे उनकी पसंद को तरजीह दी जानी चाहिए।
अध्ययन में बताया गया है कि ऐसा करने से उनमें रूढ़िवादिता पनपने का जोखिम हो सकता है। अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के सैक्रामेंटो शहर स्थित कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्री एलिजाबेथ स्वीट ने कहा, “विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में पुरुषों के वर्चस्व और पालन-पोषण के क्षेत्र में महिलाओं की रुचि को बचपन में उनके खिलौनों से जोड़कर देखा जा सकता है।