भूकंप एक दैवीय आपदा है जिसके आने के बाद भारी जान-माल का नुकसान होता है। हाल ही में हिमालय की गोद में बसा देश नेपाल और भारत के कुछ हिस्से में आए भूकंप ने सबको झकझोर दिया था। लेकिन ये तो महज एक शुरुआत है। क्योंकि हिमालय के ही दूसरे हिस्से उत्तराखंड में किसी भी समय बेहद शक्तिशाली भूकंप की चपेट में आ सकता है। विभिन्न अध्ययनों और शोधों में यह बात सामने आई है कि उत्तराखंड का हिमालयी क्षेत्र केंद्रीय भूकंपीय क्षेत्र में स्थित है और यही भयंकर भूकंप आने की संभावना का कारण है। हालांकि इस तरह का भूकंप कब आएगा इन रिपोर्ट्स में इसके बारे में निश्चित समय के बारे में नहीं बताया गया है। सरकार ने इस बारे में गुरूवार को जानकारी दी।


सिंगापुर की वेधशाला ने जारी किया शोध पत्र
विज्ञान, प्रौद्योगिकी और भू विज्ञान राज्य मंत्री वाइ. एस. चौधरी ने राज्य सभा में एक सवाल के जवाब में बताते हुए कहा कि उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र पर सिंगापुर की भू वेधशाला (अर्थ ऑब्जरवेटरी) ने कई शोध पत्र जारी किए हैं। इनमें बताया गया है कि यह केंद्रीय भूकंपीय क्षेत्र में स्थित है और पिछले 500 सालों के दौरान इस इलाके में कोई भी बड़ा भूकंप नहीं आया है। ऐसे में संभावना है कि हाल के वर्षों में किसी बेहद शक्तिशाली भूकंप का सामना करना पड़ सकता है।

भूकंप निगरानी तंत्र किया स्थापित
चौधरी ने बताया कि इस इलाके में वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियॉलजी, देहरादून ने एक भूकंप निगरानी तंत्र स्थापित किया है। इसके अलावा मल्टी पैरामीट्रिक जिओफिजिकल ऑब्जरवेटरी भी तैयार की गई है।

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