एक मां ने रेप पर बेटे को लिखा ख़त , प्रीति अग्रवाल मेहता ने अपने 15 वर्षीय बेटे सूर्यांश को एक खुला पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने अपने नारीवाद पर गर्व जाहिर किया है और परिवर्तन लाने के बारे में बात कही है। आप भी पढ़िए हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित प्रीति का पत्र…

प्यारे बेटे,

मैं तुम्हे आज एक मां के रूप में ही नहीं, बल्कि एक महिला के रूप में लिख रही हूं। मैं तुम्हें इसलिए लिख रही हूं कि लड़कियों का पीछा, छेड़छाड़, यौन उत्पीड़न, बलात्कार सिर्फ वे शब्द नहीं हैं, जो आप समाचार और स्कूल में बहस के रूप में में सुनते हैं।

वे एक वास्तविकता है, जिसका ज्यादातर महिलाएं सामना कर रही हैं। मुझे पूरा यकीन है कि यह जानकर तुम्हें घिन आएगी कि कई बार तुम्हारी मां उत्पीड़न का सामना कर चुकी हैं। ऐसा ही तुम्हारी बहनों, चाची और दोस्त के साथ हुआ। तुम्हारी दादी भी इससे जुदा नहीं थीं।

जब तुम छोटे थे, मुझे याद है कि टीवी चैनलों में बलात्कार और यौन उत्पीड़न की खबर चल रही थीं। मैं तुम्हारे बचपन को बचाना चाहती थी। मैंने 16 दिसंबर 2012 के सामूहिक बलात्कार के मामले में तुमसे थोड़ी बहुत बात की थी, जो तुमने स्कूल में सुनी थी।

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