आज के दौर में मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि दुनिया में कोई भी असंभव काम संभव किया जा सकता है। हाल ही में शोधकर्ताओं की टीम ने मिलकर एक ऐसी तकनीक ईजाद की है जिसकी सहायता से अब इंसान का सिर भी दूसरे इंसान को लगाया जा सकता है। डॉक्‍टरों की टीम ने 2017 के आखिर तक पहले मानव सिर ट्रांसप्‍लांट की तैयारी कर ली है। इसी के चलते चीन के हार्बिन मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुछ डॉक्‍टरों ने मिलकर चूहे के सिर ट्रांसप्‍लांट का एक्‍सपेरिमेंट किया और वह उसमें सफल भी हुए। चीन के विवादित न्‍यूरोसर्जन सर्जियो केनवारो ने हेड ट्रांसप्‍लांट को लेकर एक रिसर्च की थी। उनका कहना था कि इस प्रक्रिया में ब्रेन टिश्‍यू को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। बस इसी का पता लगाने के लिए एक चूहे पर दो सिर लगाए गए।

डॉक्‍टरों की टीम ने इसके लिए तीन चूहों का चिन्‍हित किया। जिसमें कि दो बड़े और एक छोटा चूहा था। छोटे चूहे (डोनर) के सिर को एक बड़े (रिसिपिंट) के सिर के ऊपर लगाया गया। जबकि ऑपरेशन के दौरान जब खून की जरूरत पड़ी तो तीसरे चूहे का इस्‍तेमाल किया गया। कई घंटो तक चला यह ऑपरेशन आखिरकार सफल रहा। एक बड़े चूहे के सिर पर एक और सिर जोड़ दिया गया। जिस सिर को जोड़ा गया था वह जिंदा था और उसने आंखे भी झपकाईं थीं। हालांकि यह चूहा ज्‍यादा देर तक जिंदा नहीं रह सका। 36 घंटे बाद उसकी मौत हो गई।

दुनिया में पहली बार मानव सिर का सफल प्रत्यारोपण करने की तैयारी अंतिम चरण में है। अगर कोई तकनीकी समस्याएं नहीं हुईं तो साल 2017 के शुरुआती महीनों में चीन में मानव सिर का सफल ट्रांसप्लांट हो सकेगा। अगर विफल हुए तो कई चिकित्सा विशेषज्ञों और अनुसंधान कर्ताओं जेल जाना पड़ेगा। इसके लिए एक रूसी युवक ने सिर को स्वैच्छिक रूप से डोनेट करने का निर्णय लिया है। चीन और इटली के ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ रूस के 31 वर्षीय एक कंप्यूटर वैज्ञानिक वेलेरी स्पिरीदोनोव पर यह प्रयोग करेंगे।

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