सब जानते है कि खादी कपड़ो का प्रचलन धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। आजकल नेताओं और पत्रकारों के अलावा कुछ लोगों तक ही सीमित होकर रह गये हैं। वो ज़माना गया जब गांधी जी चरखे पर सूत कातते वक़्त देश में स्वदेशी भारत का सपना देखा करते थे। वैश्वीकरण और उद्योगीकरण के समय में खादी की जगह ब्रांडेड जीन्स और कंपनी में बने कपड़ों ने ले ली है।
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खादी कपड़ो को दुबारा से उत्पन करने के लिए कोच्चि के रहने वाले सिद्धार्थ मोहन नायर ने एक ऐसी शुरुआत की है। जिससे खादी युवाओं के बीच भी काफी प्रचलित होने लगी है। महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित सिद्धार्थ एक लॉ ग्रेजुएट हैं और युवाओं को खादी से जोड़ने के लिए ‘Desitude’ नाम का खादी जीन्स स्टोर चलाते हैं। 5 साल पहले खादी से प्रभावित हुए सिद्धार्थ इसे अपनाने के बाद खादी को प्रचलित करने के बारे में सोचने लगे।
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इसके बाद उनके दिमाग में डेनिम खादी का विचार आया, जिसके बाद उन्होंने खादी को ट्रेडिशनल कपड़ों से निकाल कर उन्हें एक नया रूप दिया। जिसमें खादी जीन्स, शॉर्ट्स शामिल हैं। जिसकी वजह से ये युवाओं में अपनी पहचान बना रहा है। सिद्धार्थ का यह आइडिया वाकई अनोखा है, क्या पता इसी बहाने लोग फिर से खादी की तरफ लौटने लगें?