महिलाओं में मासिक धर्म होना एक सामान्य प्रक्रिया है। आयुर्विज्ञान के तौर पर देखा जाए तो यह प्रक्रिया एक निश्चित आयु के बाद शुरू होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसे स्त्री की कमजोरी माना जाता है। कई बार हर महिला के मन में ये प्रश्न उठता है कि आखिरी महिलाओं को ही क्यों मासिक धर्म की पीड़ा होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसके पीछे का कारण इंद्र द्वारा दिए गए श्राप को माना जाता है। इंद्र ने स्त्रियों को ये श्राप क्यों दिया आइए जानते हैं।
ब्रह्म हत्या का पाप से बचने के लिए इंद्र देव ने एक लाख वर्ष तक भगवान विष्णु की तपस्या की। तब भगवान ने इस पाप से छुटकारे के लिए इंद्र को एक उपाय सुझाया। भगवान ने इन्द्रदेव से कहा कि वे इस पाप के कुछ अंश को पेड़, पृथ्वी, जल और स्त्री को दे दे। इंद्र ने इसके लिए चारों को मना लिया। इंद्र ने ब्रह्म हत्या के पाप का एक चौथाई हिस्सा पेड़ को दिया और साथ ही ये वरदान भी दिया कि वह अपने आप को कभी भी जीवित कर सकता है।