प्रार्थिया और अभियोजन के गवाहों का परिक्षण आरोपी छगन लाल साहू के अधिवक्ता भेषकुमार साहू के द्वारा किया गया था।

उक्त परिक्षण से अधिवकता श्री साहू ने यह साबित किया कि प्रार्थिया और आरोपी के मध्य प्रेम संबंध था, जिसे सत्र न्यायधीश संजय जयसवाल ने उक्त प्रेम संबंध को मान कर सहमति से शारीरिक संबंध बनाना मानते हुए आरोपी को दोषमुक्त करने का फैसला सुनाया है।

 

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