प्रीयूरिक्यूलर साइनस तकनीकी रूप से एक अनुवांशिक बर्थ डिफेक्ट है जो सबसे पहले साइंटिस्ट वेन हेसिंगर ने 1864 मे डॉक्युमेंट किया था। उन्होंने इसे एक कान में ही पाया था लेकिन जिन लोगों के साथ ऐसा होता है, उनमें से 50 फीसदी लोगों के दोनों कान पर छेद देखा गया है।

अगर आप दुनिया की कुल आबादी का एक फीसदी हैं तो चिंता की कोई बात नहीं। यह किसी प्रॉब्लम की तरफ इशारा नहीं है बल्कि कुछ ऐसा है जिसे आसानी से खत्म किया जा सकता है। एंटीबायोटिक्स से इसे दूर किया जा सकता है। हालांकि अधिकतर मौकों पर साइनस को दूर करने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है।

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