प्लास्टिक की बोतल में बार बार पानी पीते हैं तो आप अपनी ज़िंदगी से साल कम कर रहे हैं , भरपूर पानी पीना अच्छा है लेकिन प्लास्टिक बाॅटल्स को फिर से बार-बार भरना और फिर पानी पीना फायदे से ज्यादा नुकसान करता है। यह इसलिए क्योंकि जिन प्लास्टिक बाॅटल्स को आप बार-बार भर रहे हैं, उसे इसके लिए नहीं बनाया गया है। मतलब यही है कि इसमें रसायनों को लीच करने और हानिकारक बैक्टेरिया पैदा करने की क्षमता होती है।

दरअसल प्लास्टिक्स के निर्माण में इस्तेमाल होने वाला Bisphenol A (BPA) एक बेहद विवादास्पद केमिकल है और ये सेक्स हॉर्मोंस के साथ गड़बड़ी कर सकता है। प्लास्टिक की बोतलों में कुछ ऐसे केमिकल्स पाए जाते हैं जो हॉर्मोन संबंधित परेशानियां और स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं और ओव्यूलेशन पर भी प्रभाव डालते हैं।

ट्रेडमिल रिव्यू ने हाल ही में इससे जुड़ी एक रिसर्च की है। रिसर्चर्स ने उन प्लास्टिक की बोतलों की स्टडी की थी जिन्हें एथलीट्स ने एक सप्ताह तक इस्तेमाल किया। इस स्टडी में पता चला कि इन बोतलों में बैक्टीरिया का औसत 9,00,000 यूनिट्स प्रति स्कवॉयर सेंटीमीटर था। यानी कि ये बैक्टीरिया किसी सामान्य टॉयलेट सीट पर पाए जाने वाले बैक्टीरिया से कहीं ज्यादा थे। प्लास्टिक की पानी की बोतलों में पाए जाने वाले 60 प्रतिशत कीटाणु लोगों को बीमार बनाने के लिए काफी हैं।

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