गलत ढंग से आहार-विहार यानी खान-पान, रहन-सहन से जब शरीर पर चर्बी चढ़ती है तो पेट बाहर निकल आता है, कमर मोटी हो जाती है और कूल्हे भारी हो जाते हैं। इसी अनुपात से हाथ-पैर और गर्दन पर भी मोटापा आने लगता है। जबड़ों के नीचे गरदन मोटी होना और तोंद बढ़ना मोटापे के मोटे लक्षण हैं। मोटापा किसी भी सूरत में अच्छा नहीं होता। बहुत कम स्त्रियाँ मोटापे का शिकार होने से बच पाती हैं। हर समय कुछ न कुछ खाने की शौकीन, मिठाइयाँ, तले पदार्थों का अधिक सेवन करने वाली और शारीरिक परिश्रम न करने वाली स्त्रियों के शरीर पर मोटापा आ जाता है।

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मोटापे से बचने के लिए ढ़ेर सारा पानी पीना चाहिए। दिन भर में 2.5 से 3.5 लीटर पानी पीना चाहिए। वैसे भी हमारे शरीर में 70 प्रतिशत पानी होता है।

कार्बोहाइड्रेड की संतुलित मात्रा लें। एकदम से कार्बोहाइड्रेड्स बंद ना करें इससे काफी आपको नुकसान हो सकता है। कार्बोहाइड्रेड्स शरीर के लिए ज़रूरी होता है।

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प्रोटीन डाइट बढ़ाएं। शरीर में एनर्जी के लिए प्रोटीन एक अहम हिस्सा है। इसलिए इस पर खास ध्यान दें। थोड़ी-थोड़ी देर पर खाना खाते रहें। एक साथ ढ़ेर सारा खाना ना खाएं। दिन भर में 30 फीसदी प्रोटीन, 60 फीसदी सब्ज़िया या फल और 10 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेड्स वजन कम करने का बेहतर तरीका है। खाना हमेशा धीरे-धीरे खाएं। रोज़ 45 मिनट टहलें। इसके अलावा थोड़ी बहुत कसरत करें, भले ही आप जिम ना जाएं। कसरत घर पर ही की जा सकती है। तनाव से बचें। ज्यादा मीठा खाने से बचें।

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आहार भूख से थोडा कम ही लेना चाहिए। इससे पाचन भी ठीक होता है और पेट बड़ा नहीं होता। पेट में गैस नहीं बने इसका खयाल रखना चाहिए। गैस के तनाव से तनकर पेट बड़ा होने लगता है। दोनो समय शौच के लिए अवश्य जाना चाहिए।

भोजन में शाक-सब्जी, कच्चा सलाद और कच्ची हरी शाक-सब्जी की मात्रा अधिक और चपाती, चावल व आलू की मात्रा कम रखना चाहिए।

 

 

 

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