अक्सर हम अपने घर का खाना खाना ही ज्यादा पसंद करते है, लेकिन जब हम अपने घर से बाहर का खाना खाते है, तब हमारा शरीर, दिमाग, और सोच कमजोर होने लगती है। जब हम अच्छा भोजन करते है, तो हमारा जीवन अच्छा बनता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है। हमें अपने घर का ही खाना क्यों अच्छा लगता है। आज हम आपको बताते है इस के पीछे या कारण है और भोजन बनाते वक़्त किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।

इसे भी पढ़िए- जानिए क्यों होता है नींद में गिरने का अहसास

बुरी सोच – भोजन बनाते वक्त बुरी सोच रखने से भोजन करने वाले में बुरी सोच की उत्पत्ति होती है। इसलिए भोजन बनाते वक्त बुरी सोच न रखे और ना ही कभी दुखी कभी मन से भोजन बनाए।

चिंता – भोजन बनाते वक्त चिंता भाव रखने से भोजन करने वाला इंसान डिप्रेशन व दिमागी कमजोर बनता है। इसलिए भोजन बनाते वक्त ध्यान रखे की आपके मन में किसी तरह की चिंता भाव न हो।

वासना – भोजन बनाते वक्त वासना जैसी भावनाओं के बारे में न सोचे। इस विचार के साथ भोजन बनाने से भोजन करने वाले की मानसिक स्थिति कमजोर होती है और उसका दिमाग पर दुष्प्रभाव पड़ता है।

इसे भी पढ़िए- लंबे समय तक जीते है छोटे कद वाले लोग

क्रोध – भोजन बनाते वक़्त गलती से क्रोध भाव मन में न लायें, क्योंकि भोजन बनाने वाले के मन का भाव भोजन में समाहित होता है, जो भोजन के माध्यम से भोजन करने वाले के शरीर में पहुँचता है।

भोजन बनाते वक़्त हमेशा प्रेम भाव, सकारात्मक सोच, और अच्छी बाते सोचे। जब मां खाना बनाती है, तो यही सोच रखती है और इसलिए हम सबको मां के हाथ का खाना सबसे अच्छा लगता है और मां के लिए सबसे ज्यादा प्यार भाव रहता है।

No more articles