लोग गर्मी के मौसम में काफी परेशान रहते हैं। गर्मी की वजह से शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है। और सेहत भी खराब हो जाती है। गर्मी का असर कम करने के लिए लोगों को अपने खान-पान का ध्यान देना चाहिए। आइए आज हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताते हैं जिन्हें आप अपने भोजने में शामिल करके शरीर को ठंडा रख सकते हैं…
खूब पानी पिएं
गर्मियों में अधिक पसीना आने से शरीर को काफी नुकसान होता है, क्योंकि इससे शरीर से पानी और नमक दोनों बाहर आ जाते हैं। ऐसे में डीहाइड्रेशन से बचने के लिए रोजाना 10-15 गिलास पानी पीना चाहिए। कम पानी पीने से यूटीआई ( यूरीन ट्रैक इन्फेक्शन) जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। मटके का पानी पीना बेहतर है, लेकिन फ्रिज का बहुत ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए।
नीबू पानी
गर्मियों में नीबू पानी पिना काफी लाभदायक रहता है। नीबू पानी में थोड़ा काला नमक और नीबू मिलाकर पिएं। यदि आप इसमें थोड़ी चीनी भी मिला लेते हैं तो यह गर्मी में और भी फायदेमंद साबित होगा। नीबू पानी से पसीने के रूप में शरीर से निकलने वाले नमक की भरपाई हो जाती है।
नारियल पानी
गर्मियों में यदि आप नारियल पानी का सेवन करते हैं तो ये अमृत के समान है। ये आपके शरीर को ठंडा तो रखता ही है, शरीर में एसिड भी नहीं बनने देता। शुगर के मरीज भी नारियल पानी पी सकते हैं।
बेल का शरबत
बेल का शरबत एसिडिटी और कब्ज, दोनों में असरदार है। कच्चे बेल का शरबत दस्त को रोकता है तो पके बेल का शरबत कब्ज को ठीक करता है। यह शरीर को ठंडक भी प्रदान करता है व पेट के लिए भी ठीक है।
फलों का सेवन
गर्मियों में बेहद अलग-अलग तरह के फल आते हैं, जिनमें पानी की काफी मात्रा होती है। खरबूजा, तरबूज, लीची आदि का आप भरपूर सेवन करें, ये आपके शरीर को ठंडा रखने के साथ आपको स्वस्थ भी रखेंगे।
धनिया, पुदीना और प्याज खाएं
इस मौसम में हरी चटनियों का सेवन कर सकते हैं। धनिया, पुदीना, आंवला, प्याज आदि की चटनी बनाकर अपने भोजन में शामिल करें। यह आपके खाने का स्वाद भी बढ़ाती है और मौसम के अनुरूप भी है।
इन सब्जियों को शामिल करें
हमेशा मौसम के हिसाब से ही सब्जियां खाएं। पेठा, तोरी, घीया या लौकी, चौलाई, करेला, परवल, खीरा, ककड़ी आदि खूब खाएं। गर्मियों में जितना हो सके रोटी खाना कम कर दें और अगर खाएं तो गेहूं के आटे में जौ का आटा मिलवा लें। ऐसे आटे से बनी रोटी को पचाना शरीर के लिए काफी आसान हो जाता है।
छाछ
छाछ में प्रोटीन खूब होते हें। ये शरीर के टिश्यूज को हुए नुकसान की भरपाई करते हैं। मीठी लस्सी कम पिएं। छाछ जितनी चाहें, पी सकते हैं। छाछ को आयुर्वेद में अच्छा अनुपान माना जाता है। अनुपान उन तरल चीजों को कहते हैं, जिन्हें खाने के साथ लिया जाता है, ताकि खाना अच्छी तरह पच जाए।