दो बड़े दुकानों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चोरी होने की सूचना पर अलग से केस दर्ज हुआ। आकड़ों पर गौर करें तो 8 तारीख के पहले तक शहर में कई सूने मकानों में ताले टूटे। जहां से चोरों ने जेवर चुराने के साथ करेंसी की मोटी रकम चुराई। पुरानी करेंसी के बंद होने का जब हल्ला मचा, नोट छोड़कर गाड़ी मोटर या फिर जेवर चुराने भिड़ गए।

नोटबंदी के बाद से अब तक 9 दिनों में 17 जगहों पर गाड़ियां चुराईं, जबकि केवल दो जगहों पर केवल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण गायब करने धावा बोला। वैसे आम दिनों में 8 नवंबर के पहले तक पुलिस के सालाना रिकॉर्ड में औसतन हर एक दिन चोरी के केस सामने आते हैं। हफ्तेभर के अंदर कहीं भी बड़ी करेंसी या जेवर गायब होने की सूचना नहीं मिली।

 

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