पत्रकारवार्ता में गैंगरेप पीड़िता ने कहा कि पुलिस के जांच के तरीके से पूरे रिश्तेदारों और लोगों को पता चल गया है कि उसके साथ क्या हुआ है। एफआईआर दर्ज होने के बाद से सुपेला पुलिस उसके साथ काफी बुरा बर्ताव कर रही है। उसने बताया कि वकीलों के माध्यम से उसे जानकारी मिली है कि सुपेला पुलिस ने उसका केस काफी कमजोर बना दिया है, जिसका लाभ आरोपियों को मिलेगा। पीड़िता और उसकी सहेली ने बताया कि पुलिस ने चार्जशीट पेश करने जल्दबाजी की।
पीड़िता ने बताया कि मुख्य आरोपी अजीत सिंह उसे मोबाइल पर अश्लील वीडियो भेजता था। इसकी जानकारी सुपेला पुलिस को देने के बाद भी पुलिस ने उन अश्लील वीडियो को जब्त नहीं किया और न ही जांच की। पीड़िताओं ने पुलिस की लापरवाही की शिकायत स्पीड पोस्ट से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश सहित 17 जनप्रतिनिधियों से की है। ज्ञात हो कि इस मामले में पांचों आरोपी अजीत सिंह, लाल बहादुर वर्मा, कमलेश चंद्राकर, गिरीश खापर्डे और दुलाल चटर्जी जेल में हैं।
पुलिस ने चालान पेश करने के पहले जांच पूरी की है। इस तरह के गंभीर मामले फास्ट ट्रैक में कोर्ट में चलते हैं, इसलिए चालान जल्दी पेश किया गया। पीड़िता ने आरोपी अजीत सिंह द्वारा अश्लील वीडियो भेजने की शिकायत की है, लेकिन उसने अपना मोबाइल नहीं जब्त कराया है। उसके जब्त होने पर उस अपराध की धाराएं जोड़कर पूरक चालान पेश किया जाएगा। य