लड़की को अंदाज़ा नहीं था कि जिस लड़के को उसने हिजड़ा कहा, वो ऐसा गंदा काम कर सकता है , बिलासपुर के देवगांव के हाई प्रोफाइल ममता हत्याकांड का दो माह बाद खुलासा हो गया है। ममता ने बचपन में साथ पढ़ने वाले एक लड़के को हिजड़ा कहा था। इसी बात पर उसने अपने साथी के साथ मिलकर पहले दुष्कर्म किया और फिर लाठी व पत्थर से हमला कर हत्या कर दी। पुलिस ने दोनों आरोपियों के साथ सबूत छिपाने में मदद करने वाले एक नाबालिग को भी गिरफ्तार किया है।

इस मामले की जांच के दौरान पुलिस काफी दवाब में थी। आरोपियों तक पहुंचने में सफलता नहीं मिल रही थी। विरोध के बीच टीम को हत्यारे की तलाश में उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर, नबी नगर, औरंगाबाद, बिहार के रामगढ़ के अलावा झारखंड, मुंबई, राजकोट, ओडिशा आदि जगह भेजा गया। जबकि तीनों आरोपी इस दौरान गांव में ही थे। घटना के दो माह बाद पुलिस को पता चला कि घटनास्थल के पास संतराम को देखा गया था। इसके आधार पर संतराम को पूछताछ के लिए बुलाया गया। उससे मिली जानकारी कि आधार पर बाबला से पूछताछ की गई। तब जाकर मामले का खुलासा हुआ। सवाल उठाता है कि पुलिस को तकरीबन दो माह बाद आरोपियों के घटना स्थल के पास होने की जानकारी कैसे मिली।

आरोपियों ने हत्या करने की बात कबूल की है। मामले में एक अन्य संदेही का नार्को टेस्ट किया गया था। साथ ही 9 संदेहियों का डीएनए टेस्ट हुआ है। जबकि आरोपियों का नार्को या डीएनए टेस्ट नहीं कराया गया। केवल बयान के आधार पर आरोपियों पर मामला दर्ज किया गया है। बाबला बंजारे, संतराम खांडेकर और नाबालिग को पांच दिन तक रिमांड में रखा गया। इस दौरान उन्होंने अपराध कबूल कर लिया। जबकि इसके पहले भी तीनों को पकड़कर कड़ाई से पूछताछ की गई थी। लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिली।

बीते दो माह से पुलिस मामले में जांच कर रही थी। इस दौरान पुलिस को कोई भी सबूत नहीं मिला। हाल ही में विधानसभा में मामला उठने के बाद पुलिस पर काफी दवाब आ गया। इसके चंद दिनों के अंदर ही पुलिस ने खुलासा कर दिया। बिलासागुड़ी में मामले का खुलासा करते हुए एसपी मयंक श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी बाबला बंजारे पिता दुर्गा प्रसाद बंजारे 22 बचपन में ममता का सहपाठी था। इसी जान पहचान का फायदा उठाकर बाबला ने 6 फरवरी को उसे गांव के करीब नाले के पास बुलाया।

युवती के पहुंचने पर बाबला का दोस्त संतराम खांडेकर उर्फ मोनू खाण्डे पिता कलीराम 27 साल उसे खेत की तरफ ले गया। यहां बाबला और संतराम उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास करने लगे। ममता ने उनका विरोध किया। इसी दौरान बाबला को याद आया कि बचपन में मृतका ने उसे हिजड़ा कहा था। उससे वह गुस्से में आ गया। दोनों ने जबरदस्ती उसके साथ दुष्कर्म किया।

इसी बीच मौका पाकर ममता चिल्लाते हुए भागने का प्रयास करने लगी। तब बाबला और संतराम ने डंडे और मुक्के से उसकी पिटाई कर दी। इसके बाद घटना को दुर्घटना का रूप देने के लिए मृतका को नाले के पास फेंक दिया। यहां आरोपियों को एहसास हुआ कि ममता की सांस चल रही है। इस पर दोनों ने पत्थर और डंडे से चेहरे पर ताबड़तोड़ हमलाकर उसकी हत्या कर दी।

इसके बाद नाले में हाथ व कपड़ों पर लगे खून को साफ किया। आरोपियों ने सड़क पर पड़ी मृतका की साइकिल को पुल के करीब बेशरम की झाड़ी में फेंक दिया। वहीं मृतका की चप्पल को खेत के मेढ़ में छिपा दिया और उसके झोले में रखे सामान को ग्राम करुमहू एनीकट की पास झाड़ी में फेंक दिया गया। घटना के बाद एक नाबालिग ने सबूत छिपाने में बाबला की मदद की। पुलिस ने तीनों आरोपियों को धारा 302, 201, 376 के तहत गिरफ्तार किया है। न्यायालय में पेश करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।

 

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