पुलिस ने पीड़ित लड़की के बयानों के आधार पर आरोपी के खिलाफ लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत दुष्कर्म, अपहरण और जान से मारने की धमकी के अपराध कायम किया था। अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी के खिलाफ अपराध प्रमाणित पाए जाने पर उक्त सजा का फैसला सुनाया गया।
पुलिस को सूचना मिली थी कि 14 वर्षीय नाबालिग लड़की घर वापस नहीं आई है। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर मामले की जॉच शुरू कर दी। मामले की जॉच चल ही रही थी तभी गुमशुदा लड़की अपने पिता के साथ थाने आ पहुॅंची।
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