किशोरी को उसकी भाभी के सामने से उठाया, किया गैंगरेप और फिर वापस फेंक गए , गोरखपुर के गोला क्षेत्र में शनिवार की रात गांव से एक किशोरी का अपहरण किया गया। आरोप है कि रेप के बाद किशोरी को मनबढ़ क्षेत्र के ही एक गांव में फेंककर भाग निकले। मामला पुलिस तक पहुंचा लेकिन संज्ञान नहीं लिया गया। पीड़ित के पिता को थाने से टरका दिया गया। उन्होंने जब आईजी, डीआईजी और एसएसपी से शिकायत की बात कही तो पुलिस ने हल्की धारा (बहला-फुसलाकर भगाने) में मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने किशोरी के आरोप को आधार बनाकर मेडिकल जांच नहीं कराया है। मेडिकल जांच में ज्यादा देरी हुई तो रिपोर्ट में बहुत कुछ साफ नहीं होगा। आधी-अधूरी रिपोर्ट ही मिल सकेगी। पीड़ित परिवार का आरोप है कि गोला पुलिस मनबढ़ों से मिली हुई है। इसी वजह से अपहरण और रेप करने वाले खुलेआम घूम रहे हैं।
किशोरी के पिता का कहना है कि थानेदार समझौते का दबाव बना रहे हैं। उन्होंने मुझे फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी है। जबरन सादे पेपर पर हस्ताक्षर भी कराए गए हैं, लेकिन मैं इस मामले में चुप नहीं रहूंगा। उच्चाधिकारियों से फरियाद करूंगा। न्याय नहीं मिला तो सीएम से शिकायत करूंगा। पिता का आरोप है कि दरिंदों के चंगुल में फंसी किशोरी को छुड़ाने के लिए पुलिस ने कोई पहल नहीं की। सूचना के बाद भी हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। ग्रामीणों ने खुद की कोशिश से छह घंटे बाद किशोरी को खोज निकाला। यदि ग्रामीण न होते तो उसकी हत्या हो सकती थी। इसकी आशंका पुलिस से जताई गई थी।
शनिवार की रात करीब 9 बजे किशोरी अपनी गर्भवती भाभी के साथ खेत की तरफ जा रही थी। रास्ते में तीन युवकों ने उसे रोका और पिटाई शुरू कर दी। बीच-बचाव करने पर युवकों ने भाभी को भी पीटा। भाभी के शोर मचाने पर वे किशोरी का मुंह बांधकर उठा ले गए। परिवार वालों ने इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची भी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। खोजबीन कर रहे घर वालों को शनिवार की देर रात जानीपुर के पास एक किशोरी के अचेत अवस्था में पड़े होने की सूचना मिली। घर वाले मौके पर पहुंचे तो किशोरी ने उन्हें रेप की जानकारी दे। मौके से एक युवक को पकड़ा भी गया। ग्रामीणों ने युवक को पुलिस के हवाले कर दिया, लेकिन पुलिस कानूनी कार्रवाई के बजाय समझौते का दबाव डालने लगी। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने जबरन सादे पेपर पर हस्ताक्षर करा लिया। रविवार की सुबह किशोरी के पिता जब थाने पर तहरीर लेकर गए तो उन्हें शाम को बुलाया गया। जब वह शाम को पहुंचे तो समझौते का दबाव बनाया जाने लगा। पीड़ित के पिता क्षेत्राधिकारी के पास पहुंचे लेकिन वह दफ्तर में नहीं मिले। वहां वो शिकायती पत्र देकर घर चले गए। उधर, जब मामला पुलिस के आला अफसरों तक पहुंचा तो गोला पुलिस ने कस्बे के देवेंद्र के खिलाफ हल्की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया, जबकि दो आरोपियों के नाम एफआईआर में शामिल नहीं किए।