शादी नहीं करनी थी उसे इसलिए घर से भागी थी, और बाहर मिले उसे सिर्फ दरिंदे , छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से एक किशोरी (15) शादी के खिलाफ घर से भागकर दिल्ली आ गई, लेकिन उसे क्या पता था कि यहां वह हैवानियत का शिकार हो जाएगी। पिछले वर्ष अक्टूबर में वह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर टे्रन से उतरी तो उसे अरमान नामक युवक मिल गया। उसने नौकरी का भरोसा दिया और सराय काले खां स्थित किराए के कमरे पर ले आया। यहां उसका यौन शोषण किया।
पुलिस पूछताछ में अरमान ने बताया कि उसने सराय काले खां स्थित कमरे में किशोरी को पंद्रह दिन तक बंधक बनाकर रखा था। उसके यौन शोषण में हसीना ने भी साथ दिया था। बाद में दोनों ने किशोरी को फरीदाबाद निवासी पप्पू यादव को 70 हजार रुपये में बेच दिया। पप्पू उसे उज्जैन (मध्य प्रदेश) ले गया, जहां उससे जबरन शादी की और यौन शोषण किया।
गत 30 जनवरी को वह किसी तरह पप्पू के चंगुल से छूटकर निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पहुंची। यहां उसे हसीना दोबारा मिल गई। हसीना ने झांसे में लेकर उसे नशीला पदार्थ पिला दिया। बाद में उसने किशोरी को मोहम्मद अफरोज को 500 रुपये में बेच दिया। अफरोज ने दोस्त मोहम्मद जाकिर के साथ उसका यौन शोषण किया। वह एक बार फिर भाग निकली। दो फरवरी को बीएसएफ जवान ने उसे हसीना के साथ लड़ते हुए देखकर पुलिस और महिला आयोग को सूचित किया।
किशोरी को दो बार बेच दिया। एक बार सत्तर हजार रुपये में और दूसरी बार सिर्फ पांच सौ रुपये में दिल्ली में बेचा गया। दिल्ली पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान बिहार निवासी हसीना उर्फ लाडो (25) और सराय काले खां निवासी अरमान उर्फ इब्राहिम उर्फ जॉन (30) के रूप में हुई है। पुलिस ने उनके पास से चोरी के दो मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं।
दोनों लिव इन रिलेशन में रह रहे थे। दिल्ली के दक्षिणी-पूर्वी जिले के पुलिस उपायुक्त रोमिल बानिया के अनुसार, दो फरवरी को पुलिस और दिल्ली महिला आयोग के हेल्पलाइन नंबर पर बीएसएफ के एक जवान ने सूचना दी थी कि निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर बच्ची से एक महिला जबरदस्ती कर रही है।
दिल्ली महिला आयोग की काउंसिलिंग टीम और सनलाइट कॉलोनी थाने की टीम ने मौके पर पहुंचकर किशोरी को मुक्त कराया। किशोरी ने पुलिस को बताया कि वह बिलासपुर स्थित अपने घर दोबारा नहीं जाना चाहती। उसके पिता की मौत हो चुकी है। मां उसकी शादी करना चाहती थी, जिससे वह घर से भाग आई थी। दिल्ली महिला आयोग ने किशोरी को एक एनजीओ को सौंप दिया है।