हिंदू प्रथाओं के अनुसार हर धार्मिक समारोह में अगरबत्ती जलाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है। हर प्रथा की तरह इस प्रथा के पीछे भी अनेकों तर्क हैं जैसे कि कुछ लोगों का मानना है कि अगरबत्ती से निकलने वाले धुएँ के छल्ले हमारी पूजा को सीधे भगवान तक ले जाते हैँ और यह आपके विचारों को शुद्ध भी रखते हैँ।

अगरबत्ती के पूरा जलने के बाद माहौल में खुशबू फैल जाती है और राख बच जाती है, इससे यह संदेश जाता है कि इंसान को परहित के लिए किए गए कार्यों के लिए अपनी आकांक्षाओं का भी त्याग करना पड़े तो संकोच नहीं करना चाहिए।

अगरबत्ती का इस्तेमाल कई रोगों के उपचार में भी होता है, जैसे की एरोमा थेरेपी में। अगरबत्ती की खुशबू से दिमाग शांत होता है जो की किसी भी धार्मिक समारोह के लिए अति आवश्यक होता है।

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