याहू की शुरुआत 1994 में हुई थी। थोड़े ही समय में इसने इंटरनेट की दुनिया पर कब्जा जमा लिया था। एक दौर था, जब इंटरनेट से जुड़ा तकरीबन हर शख्स याहू मेल और याहू मैसेंजर का इस्तेमाल कर रहा था। यहां तक कि लोग ब्लॉग की तरह काम करने वाले याहू जियोसिटीज से भी बड़ी तादाद में जुड़े थे। याहू वक्त के साथ खुद को बदलने में नाकामयाब रहा। इंटरनेट विज्ञापन के जिस उछाल ने गूगल को नंबर एक बना दिया, याहू उसका फायदा नहीं उठा सका। गूगल में काम कर चुकी मेरिसा मायर को सीईओ बनाने का फैसला भी कंपनी को नहीं बचा पाया।