कभी कभी कुछ लोगों को देख कर यह लगता है कि भगवान ने उनके साथ ज्यादती की है। लेकिन यह सिर्फ हमारा नज़रिया होता है। ये लोग अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी कमजोरी को अपनी सबसे बड़ी स्ट्रेंथ बना के जीते हैं। इस बात का अंदाज़ा आप इस खबर से लगा सकते हैं कि महज़ 11 साल का एक बच्चा जिसे भगवान ने बचपन से ही हाथ और पैर नहीं दिये हैं। लेकिन इसके बावजूद वह आम बच्चों की ही तरह खेलता है, स्कूल जाता है।
जी हां टियो सेटरियो नाम का यह 11 वर्षीय बच्चा इंडोनेशिया का रहने वाला है। इसके शरीर से दोनों हाथ और दोनों पैर गायब हैं। हाथ- पैर ना होने के बावजूद भी इसे एक एसी चीज की लत है जिसके लिए हाथों का होना तो शायद जरूरी ही है। इस मासूम को वीडियोगेम खेलने की लत है। लेकिन मजबूरी के चलते ये पसलियों और ठुड्डी की मदद से वीडियो गेम खेलता है। कमाल की बात तो यह है कि इसने इस गेम में ऐसी महारथ हासिल की हुई है कि अच्छे खासे लोग भी इसके सामने टिक नहीं पाते हैं।
सेटरियो की मां मिमी के मुताबिक सुबह नहाने के बाद से ही उनका बेटा वीडियो गेम खेलने में लग जाता है। जब तक उसके स्कूल टीचर उसे लेने के लिये नहीं आते हैं तक वह खेलता रहता है। स्कूल से आने के बाद ये फिर से वीडियोगेम खेलने में लग जाता है। शारीरिक चुनौतियों से लड़ रहा ये बच्चा स्कूल में अपने शिक्षकों का लाडला है। उसकी प्रिंसिपल बताती हैं कि दूसरी क्लास में होते हुए भी वह चौथी क्लास के मैथ्स के प्रश्न हल कर लेता है। पहले वह अपनी शारीरिक कमजोरियों की वजह से असुरक्षा की भावना से जूझता था।
टियो के पिता बताते हैं कि टियो की देखभाल करने की वजह से हम कहीं जा भी नहीं पाते। अगर हम काम करेंगे तो इस बच्चे की देखभाल कौन करेगा। टियो की मां बताती हैं कि उन्हें प्रगनेंसी के दौरान अपने बच्चे की इस स्थिति के बारे में पता नहीं था और बेटे के जन्म के बाद भी उन्हें नहीं बताया गया कि उनके बच्चे के दोनों हाथ और पैर नहीं हैं। जब उन्हें पता चला तो उनके लिए अपने बच्चे की यह स्थिति स्वीकार करना मुश्किल हो गया। टियो की देखभाल करना मेरे लिए फुलटाइम जॉब बन गया है।