इस राजा को हवस मिटाने के लिए चाहिए कुंवारी और किशोर होती लड़कियां  , स्वाजीलैंड एक बेहद गरीब देश है, जिसकी आबादी करीब 1 करोड़ 20 लाख है। इतनी कम आबादी होने के बाद भी जहाँ इस देश के 69 फीसदी लोग बीपीएल के अंतर्गत आते हैं तो वहीं करीब 63 फीसदी से अधिक आबादी हर रोज 80 रुपए में अपना गुजर-बसर करने को मजबूर है। यहाँ बेरोजगारी दर 40 फीसदी है। इसी के साथ यहाँ आपको एचआईवी पॉजिटिव से पीड़ित लोग भी करीब 40 फीसदी हैं। जीं हां…ये आंकड़ा चौंकाने वाला है और ये सौ टका सच है । यहां का राजा एक दो नहीं बल्कि दर्जनों औरतों के साथ चलता है ।

हर साल होने वाले एक राजशाही नृत्य समारोह में हजारों कुंवारी लड़कियों की परेड होती है और राजा उनमें से किसी को भी अपनी पत्नी के तौर पर चुन सकता है। इसी के साथ वो राजा परम्परा के नाम पर चुनी हुई लड़की को अपने साथ लाता है और खुलेआम हैवानियत का खुला खेल खेलता है । महल के शाही हरम में इनके साथ हैवानियत की सारी हदें पार की जाती हैं ।

हर लड़की किसी राजा की रानी बनने का ख्वाोब देखती है, लेकिन जब दक्षिण अफ्रीका के इस ठरकी राजा मस्वाती तृतीय ने एक लड़की को अपनी रानी बनाना चाहा तो उसने इंकार कर दिया। आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है? लेकिन ऐसा हुआ है दरअसल, राजा मस्वाती पहले ही तेरह रानियों के पति हैं। आपको सुनकर हैरानी होगी कि पहले से 13 पत्नियाँ होने के बावजूद अब ये राजा चौहदवीं शादी करने का मन बना चुके थे, जिसके लिए उन्हों ने एक बेहद खूबसूरत लड़की को चुना। लेकिन इस लड़की को यह मंजूर नहीं था कि वह किसी 45 वर्षीय राजा की चौहदवीं बीवी बने। 22 वर्षीय तिनत्सवालो नगोबेनी नाम की इस लड़की को पता चला की 45 वर्षीय राजा मस्वा ती उसे अपनी 14वीं रानी बनाने के सपने देख रहा है, तो उसने देश छोड़ने में ही भलाई समझी। जिसके बाद नगोबेनी ने ब्रिटेन में रहने की अनुमति मांगी, ताकि वह राजा मस्वा ती से बच सकें।

दुनियाभर में इस परम्परा की आलोचना होती रही है क्योंकि कई लोग इसे राजा की आइयाशी के तौर पर देखते है जहाँ इस परम्परा की आड़ में ये राजा लड़कियों को चुन अपना हरम भरता है। परेड में आई लड़कियों को शुरुआत में बस राजा की प्रेमिका के तौर पर महल में रखा जाता है जहाँ राजा उनके साथ संबंध बना सकता है ।

लड़की के साथ संबंध बनाकर राजा की इच्छा के अनुसार उस लड़की का भविष्य तय किया जाता है। अगर वो लड़की रजा को पसंद आती है तो अपनी इच्छा से कभी ये राजा उस लड़की से शादी करता है, और अगर राजा का मन उस लड़की से उब जाता है तो उसे छोड़ दिया जाता है। कई बार तो ऐसा भी देखा गया है कि लड़की के गर्भवती होने के बाद शादी की रस्म निभाई जाती है। स्वाजी राजघराने की ये शाही शादियां आम तौर पर जाड़े के मौसम में होती हैं और अंचंभित करने वाली परंपरा ये भी है कि शादी से पहले इसके बारे में ना तो लड़की को बताया जाता है और न ही उसके परिवार को।

राजा मस्वानती अपने विलासी जीवनशैली के लिए जाने जाते हैं। बात अगर रीति-रिवाजों की करें तो स्वाजी रीति-रिवाजों के हिसाब से यहां के राजा को हर साल अपने लिए नई रानी चुनने का अधिकार है। नगोबेनी के मुताबिक राजा की पत्नियों को राजमहल में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा जाता है। उसने बताया कि जबतक राजा की इजाजत नहीं होती कोई रानी महल से बाहर नहीं जा सकती है। वे सिर्फ साल में एक बार अमेरिका जा सकती हैं क्योंकि तब राजा उन्हें शॉपिंग करने के लिए एलाउंस देते हैं। बाकी का जीवन रानियों के लिए काफी मुश्किल भरा और कठिन होता है।

लड़की या लड़की के परिवार को न बताने की परंपरा की वजह से कई बार राजा मस्वाती तृतीय की शादी को लेकर विवाद भी हुआ है। 2002 में 18 साल की लड़की ज़ेना महलंगु को राजा ने शादी के लिए पसंद कर लिया तो उस लड़की की मां शादी रोकने और शाही कब्जे से जे़ना को रिहा कराने के लिए कोर्ट तक चली गई थी। राजा ने ज़ेना महलंगु से से अपनी 10वीं रानी के तौर पर शादी की थी । ज़ेना के साथ ही दो और लड़कियों को परेड के बाद शाही सेना ने उठा लिया था जिनमें एक नोलिक्वा अयांदा टेनटेसा नाम की महिला भी थी।

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