क्या आप फेसबुक ब्राउज़ किए बिना सो नहीं सकते ? क्या बिस्तर में सोने से पहले फोन का इस्तेमाल किए बिना नींद नहीं आती ? अगर इन सब का जवाब हां है तो हों जाए सावधान क्योंकि ये बिस्तर में फोन की बहुत बुरी लत है जो आपका जीवन तबाह कर सकती है।

यह दुनिया के लिए एक असुविधाजनक सच है कि एलईडी स्क्रीन नींद की दुश्मन है। इस बात की पुष्टि तब हुई, जब मेडिकल जर्नल बीएमजे ओपन ने नॉर्वे में सर्वे किया। जिसमें 9846 किशोरों के सोने के पैटर्न के साथ-साथ दिनभर में कितनी मात्रा में फोन का इस्तेमाल किया जाता है, ये सब रिकॉर्ड किया गया।

सर्वे में पाया गया कि सोने से पहले जितना ज्यादा आप फोन का इस्तेमाल करते है, उतना ही आपकी नींद को नुकसान पहुंचता है। नार्वे के वैज्ञानिकों ने कहा, “लगभग सभी किशोर सोने से पहले एक घंटे या एक से अधिक के दौरान इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करते हैं । जिससे सीधा नींद पर फर्क पड़ता है।”

आखिर समस्या है क्या ?

फोन की नीली बत्ती एलईडी स्क्रीन द्वारा उत्सर्जित होती है। जो मस्तिष्क में नींद के हार्मोन मेलाटोनिन का उत्पादन कम कर देती है। नार्वे के शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि फोन से निकलती इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेज़ हमारी आरामदायक नींद को भी रोकती है। इसी के साथ स्क्रीन के उपयोग से सिर और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। यही नहीं, फोन पर कैंडी क्रश खेलना हो या समाचार पढ़ना हो, ये आपकी दिल की धड़कन को कम करता है और स्वभाव में चिड़चिड़ापन भी ले आता है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि किंडल या किसी भी प्रकार की इ-बुक्स भी रात को सोते वक्त न पढ़ें, इससे बेहतर होगा कि आप एक साधारण किताब पढ़ने की आदत डालें।

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