न्यूजीलैंड में एक नदी को मिला इंसानों वाला हक़, जानिए क्यों , न्यूजीलैंड में एक नदी को जीवित इकाई के रूप में मान्यता प्राप्त हो गई है और इसके साथ ही उसे इंसानों के समान अधिकार मिल गए हैं। ऐसा दुनिया में सबसे पहली बार यहीं हुआ है।  इस फैसले का अर्थ है कि यह नदी अब अदालत की कार्यवाही में प्रतिनिधित्व की हकदार होगी। न्यूजीलैंड के ट्रीटी नेगोसिएशन मिनिस्टर क्रिस फिनलेसन ने बताया कि कुछ लोगों को यह ‘अजीब’ लग सकता है, लेकिन निर्णय ‘फैमिली ट्रस्टों, कंपनियों या निगमित समाजों के लिए अलग नहीं था।

माओरी लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले एमपी एड्रियन रूरावे ने कहा कि समग्र रूप से यह नदी उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जो इस पर निर्भर हैं और इस नदी पर रहते हैं। वांगानुई दृष्टिकोण से नदी की भलाई सीधेतौर पर लोगों की भलाई से जुड़ी हुई है और इसलिए यह सचमुच महत्वपूर्ण है कि इसे अपनी पहचान के रूप में मान्यता दी गई है।

न्यूजीलैंड की संसद ने उत्तरी द्वीप में बहने वाली वांगानुई नदी को एक जीवित संस्था के रूप में मान्यता देने वाला बिल पारित किया है। ऐसे में यह पहली बार है, जब किसी प्राकृतिक संसाधन को कानूनी तौर पर व्यक्तित्व का दर्जा दिया गया है। नदी को मान्यता दिलाने के लिए देश के माओरी लोग लगभग 160 वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं।

यह नदी जनजाति के लिए महत्वपूर्ण आध्यात्मिक महत्व का विषय थी, जो नदी, पहाड़ों और समुद्र को जीवित संस्थाओं के रूप में मानते हैं। यह नदी न्यूजीलैंड की तीसरी सबसे लंबी नदी है और अब माओरी जनजाति के एक सदस्य के रूप में यह जानी जाएगी, जिसे आइवी कहा जाता है।

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