नामर्दानगी बढ़ रही है पुरुषों में, कहीं आप तो उसके अगले शिकार नहीं? ,बदलती जीवन शैली के कारण महिलाओं की तुलना में पुरुषों में नपुंसकता की दर बढ़ रही है। बेंगलुरु बैपटिस्ट अस्पताल में प्रजनन औषधि विभाग (आईवीएफ) के प्रमुख प्रोफेसर डॉक्टर जार्ज कौरूना ने आज कहा कि हालांकि समुचित अध्ययन नहीं किया गया है, लेकिन अनेक दम्पती जो यहां आ रहे हैं। उससे संकेत मिला है कि पुरुषों में नपुंसकता बढ़ रही है।
पुरुषों में लैपटाप के उपयोग से भी जनन क्षमता पर प्रभाव पड़ता हैं। हालांकि इस संबंध में विस्तृत अध्यन की जरूरत है।उन्होंने कहा कि भारत में नपुंसकता लगभग 10 से 15 प्रतिशत है और इसे सामाजिक कलंक के तौर पर देखा जाता है। कई बार नपुंसकता के कारण तलाक और दूसरी शादी तक की नौबत आ जाती है।
नपुंसकता के कई कारण हैं, लेकिन जीवनशैली में बदलाव, विशेषकर प्रौद्योगिकीविदों के बीच कार्यस्थल पर तनाव, मादक पदार्थो और शराब का सेवन के कारण यह खतरनाक स्थिति तक पहुंच रहा है। महिलाओं को मोटापे से बचना चाहिए और इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए। महिलाओं के लिए बच्चे को जन्म देने की सही उम्र 35 वर्ष है क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ नपुंसकता की दर भी बढने लगी है।