अपने बच्चों की खुशी के लिए मां बाप हर कोशिश करते है। खुद के खर्चों को काटकर अपने बच्चों के चेहरे पर मुस्कान के लिए जीतोड़ मेहनत करते हैं। ऐसी ही एक पिता और बेटी की कहानी फेसबुक पर काफी वायरल हो रही है। बांग्लादेश के पत्रकार जीएमबी आकाश ने एक पिता के अपने बच्चों के प्रति प्यार की भावना को शेयर करते हुए एक पोस्ट लिखी है।

यह कहानी बांग्लादेश के रहने वाले एमडी कवसर हुसैन की है। जो पिछले दो साल से अपनी प्यारी बेटी के लिए नई ड्रेस नहीं खरीद पा रहे थे। दरअसल कवसर हुसैन एक हादसे में अपना हाथ खो बैठे। ऐसे में इस पिता ने जैसे कैसे कुछ पैसे जुटाकर एक दिन अपनी लाडली के लिए एक ड्रेस खरीदने की सोची। और इसके बाद जो हुआ उसे सुनकर आप भी भावुक हो जाएंगे।

पोस्ट में हुसैन के अपनी बेटी के लिए ड्रेस खरीदने के अनुभव के बारे में बात की गई है। पोस्ट में लिखा है, जब मैंने दुकानदार को पांच टका नोट के 60 हिस्से थमाए तो वह मुझे भिखारी समझकर चिल्लाया। मेरी बेटी ने मेरा हाथ पकड़ा और रोते हुए कहने लगी कि उसे यह ड्रेस नहीं खरीदनी। मैंने एक हाथ से उसके आंसू पोंछे। हां मैं भिखारी हूं।’

पोस्ट में आगे बताया है कि किस तरह उन्होंने अपना एक हाथ गंवा दिया, ‘दस साल पहले मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे भीख मांगनी पड़ेगी।’ हुसैन की बेटी सुमैया अपने हाथों से उन्हें खाना खिलाती थी और कहती थी कि वह जानती है कि एक हाथ से काम करना कितना मुश्किल है। पोस्ट में लिखा गया है ‘जब मैं अपना हाथ आगे बढ़ाता हूं और वह मुझे देखती है तो मुझे शर्म आती है। लेकिन वह कभी मुझे अकेला नहीं छोड़ती।’

मुश्किल हालातों के बावजूद हुसैन ने अपने बच्चों को पढ़ने लिखने से पीछे नहीं रखा और आखिरकार वह दिन आया जब दो साल बाद वह अपनी बेटी के लिए नया ड्रेस खरीद पाए। लिखा गया है ‘दो साल बाद मेरी बेटी ने नया ड्रेस पहना है और इसलिए मैं उसे यहां खिलाने के लिए लाया हूं। आज यह पिता भिखारी नहीं है, राजा है और यह रही उसकी राजकुमारी।’

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