फोटोग्राफर क्रिस कहते हैं कि 19वीं शताब्दी में ज्यादातर भाप के इंजनों को ब्रिटेन से मंगवाया गया था। इसको देखने के लिए दूर-दूर से टूरिस्टा यहां पर आते हैं। ये इतने खूबसूरत हैं कि लोग इनकी फोटो क्लि क किए बिना तो रह ही नहीं सकते।
ऐसे में इन्हें ब्रिटिश क्लाइमेट के हिसाब से बनाया और डिजाइन किया गया था। ये लोकोमाटिव्स अब बदलते मौसम के साथ सामंजस्य नहीं बैठा पाए। बता दें कि बोलिविया में हवाओं में भी नमक का अहसास होता है। इसने इन ट्रेनों की बॉडी को बहुत नुकसान पहुंचाया है। इस जगह को वहां के लोग ‘Cementerio de Trenes’ नाम से जानते हैं। इस समय ये सब पुरानी ट्रेनें सिर्फ मेटल की बॉडी के तौर पर खड़ी हैं। इसके बावजूद ट्रेनों का ये कब्रिस्तान बहुत सुंदर दिखाई दे रहा है।
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