अक्सर कब्रिस्तान, श्मशान या मौत की बात सुनकर अच्छे अच्छों की हवा टाइट हो जाती हैं। लेकिन एक महिला ऐसी भी है जिसने कब्रिस्तान को ही अपना घर बना लिया है।

जी हां, इस जगह पर लोग जाने से डरते हैं, लेकिन एक अकेली लड़की वहां घर बनाकर रहती है। 1980 में घर से भागी हुई एक लड़की ‘मोना’ ने कब्रिस्तान में घर बना लिया। सिर्फ ये कह कर कि यहां मौजूद कुछ कब्रें उसके परिजनों की हैं, लेकिन कई बार ऐसा भी हुआ कि दरवाजे खुले रखने के कारण मोना के घर चोरियां हुईं।

कब्रिस्तान में मोना के कुछ पड़ोसी भी हैं, जिनमें कुछ सेक्स वर्कर, कब्र खोदने वाले और भिखारी शामिल हैं। इन लोगों को यहां गड़े मुर्दे डराते नहीं हैं। उनकी कब्रों पर धुले कपड़े सुखाना इनके लिए एक आम बात है। ये कब्रिस्तान पिछले तीन दशकों से मोना का घर है। दरअसल मोना किसी वजह से जब घर से भागी थी तो कब्रिस्तान में आकर उसने अपनी जिंदगी किन्नरों के साथ पब्लिक के बीचों-बीच जी। अब उसे बक्से जैसे कमरों वाले घर किसी जेल जैसे लगते हैं। कब्रिस्तान में बसे इस घर के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं।

फेमिनिस्ट लेखक उर्वशी बुटालिया, मोना की दोस्त हैं। उन्होंने बताया कि एक समय पर आम लोगों की दुनिया मोना को भी बड़ी लुभावनी लगती थी, लेकिन अब उन्हें ये नीरस लगने लगी है इसलिए वो कब्रिस्तान में रहती है। अब मोना 80 साल की हो चुकी है, लेकिन उसने कब्रिस्तान में बने घर को नहीं छोड़ा उसे मुर्दो के साथ रहना बेहद पसंद हैं।

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