किशोर के पेट से निकला अविकसित भ्रूण। किशोर के पेट से निकला अविकसित भ्रूण।आपको ये सुनकर हैरत हो सकती है, पर ‘फिट्स इन फिटू हो तो ऐसा भी होता है। चिकित्सकों ने आपरेशन कर ट्यूमर के रूप में मौजूद अविकसित बच्चे को बाहर निकाल दिया। दुनिया में इस तरह के 90 मामले अब तक चिकित्सा इतिहास में हैं। भारत में यह दूसरा मामला है। इससे पहले मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल अस्पताल में 36 साल के युवक का ऐसा ही आपरेशन हुआ था। इलाहाबाद निवासी युवक के पेट में बायीं तरफ ऊपरी हिस्से में बचपन से गांठ थी।
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उम्र बढ़ी तो साथ गांठ भी बढ़ती गई। धीरे धीरे पेट में दर्द होने लगा। कई जगह इलाज कराया गया, पर उसका दर्द बना रहा। परिवार वाले उसे लेकर हॉस्पिटल पहुंचे। यहां जांच में पता चला कि बच्चे के पेट में अविकसित बच्चे के रूप में ट्यूमर है। सोमवार को युवक के पेट का आपरेशन किया गया। ट्यूमर के अंदर एक अविकसित बच्चे का सिर, दांत, रीढ़ की हड्डियां, सीने की हड्डियां, दो फिट लंबा बाल का गुच्छा मिला। आपरेशन में शामिल डॉ. राजीव सिंह के अनुसार यह अपने तरीके का अजूबा मामला है।
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इस तरह के मामले को उन्होंने ‘फिटस इन फिटू’ बताया। कहा कि इसकी शुरुआत मां के पेट से जुड़वा बच्चे के रूप में होती है। एक जुड़वा बच्चे का भ्रूण दूसरे बच्चे के पेट में चला जाता है। बच्चे के पेट में यह भ्रूण विकसित होता रहता है। बच्चे के जन्म के बाद यह उसके शरीर में ट्यूमर नुमा अविकसित बच्चे के रूप में बढ़ता रहता है। दुनिया में अब तक इस तरह के 90 केस सामने आ चुके हैं। भारत में इससे पहले 1999 में टाटा मेमोरियल अस्पताल में 36 वर्ष के व्यक्ति के पेट से अविकसित बच्चा निकाला जा चुका है।