इस गांव के पीछे की कहानी एक खूबसूरत लड़की है जिसके चलते पूरा गांव वीरान हो गया था।पहले यहां मेहनती पालीवाल ब्राह्मण रहा करते थे।कहते हैं यहां के मुखिया की 18 साल की बेटी इतनी खूबसूरत थी कि हर कोई उससे बात करना चाहता था।एक दिन जैसलमेर के आशिक मिजाज दीवान की नजर इस लड़की पर पड़ी और वह इससे शादी करने के लिए अड़ गया। दीवान ने हद ही कर दी। उसने उस लड़की के घर संदेश भिजवाया। उसने लिखा कि अगली पूर्णमासी तक लड़की नहीं मिली तो गांव पर हमला करके उसे उठा ले जाऊंगा।
तब गांव वालों के सामने बड़ी मुश्किल की घड़ी थी। ऐसे में गांव के सभी लोग पंचायत में इकट्ठा हुए और तय किया कि रातो-रात गांव छोड़कर सभी चले जाएंगे।लेकिन खून-पसीने से बसाया हुआ गांव ब्राह्मणों को मजबूरी में छोड़ना पड़ा। उनकी आत्मा को बहुत कष्ट हुआ और जाते-जाते उन्होंने शॉप दे दिया कि यहां कोई भी रात में रुकेगा तो जिंदा नहीं बचेगा। मेहनती और उद्यमी पालीवाल ब्राह्मणों ने यह गांव 1291 में बसाया था।उस समय इस गांव में 600 घर थे। यहां की बनावट में इतनी सूझ-बूझ दिखती है कि आधुनिक इंजीनियरिंग भी इसके आगे दांतों तले उंगली दबा ले।
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