गौरतलब है कि काम के बदले इन बंदरों को रहने, खाने-पीने की सुविधा के साथ इनके हर जरूरत का सामान दिया जाता है। इनकी देखरेख करने के लिए रेस्टोरेंट में स्टॉफ तैनात किया गया है जबकि इनमें से कुछ बंदर घरेलू बंदर हैं, जिन्हें 2 घंटे की शिफ्ट पूरा करने के बाद घर भेज दिया जाता है। अब आप ही बताएं, हमसे अच्छे तो ये बंदर हैं जो 2 घंटे की शिफ्ट जॉब के बाद अपनी जिंदगी जीते हैं और एक हम लोग हैं जो 8-9 घंटे की जॉब करने के बाद कोल्हू का बैल बनकर ही घर लौटते हैं।

 

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