मृत्यु इंसान के जीवन का अंत और सबसे बड़ा सच भी है। मरने के बाद कोई वापस नहीं आता। लेकिन हाल ही में एक ऐसी घटना देखने को मिली जब मरने के बाद अंतिम संस्कार के लिए ले जाते समय एक युवक अर्थी पर ज़िंदा होकर बैठ गया। इतना ही नहीं जिंदगी वापस मिलने की बाद लगभग 2 दिन तक ज़िंदा रहने के बाद उस युवक की फिर से मौत हो गयी।

दरअसल यह घटना ग्राम देदला का है। सूरज पिता कांजी (27) दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे पेटलावद के शासकीय अस्पताल से अन्यत्र रैफर किया गया। परिजन उसे लेकर बड़ौदा के निजी अस्पताल में पहुंचे, जहां तीन दिन बाद डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

इसके बाद ग्रामीण उसे देदला लेकर पहुंचे, जहां 3 जुलाई को अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली गई। इस बीच उसकी सांसें फिर से चलने लगीं तो परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वे उसे लेकर पेटलावद के चोयल अस्पताल पहुंचे, जहां दो दिन तक उपचार चला, लेकिन इसके बाद सूरज ने अंतिम सांस ली। 5 जुलाई शाम को अंतिम संस्कार किया गया। बुधवार को पेटलावद में शव का पोस्टमार्टम हुआ।

बेड़दा का वह भीषण अग्निकांड जिसमें चार बच्चे जिंदा जल गए थे, उनमें सूरज के दो बच्चे भी शामिल थे। इस गम से परिवार उबरा भी नहीं था कि मुखिया की मौत से गुजर-बसर मुश्किल में पड़ गया है। अब परिवार में पत्नी और दो बच्चियां रह गई हैं।

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