मूत्र के एक यौगिक को मिलाकर बनाते हैं सिगरेट का फ्लेवर जानदार , वैसे तो कई कारणों से किसी को भी सिगरेट नहीं पीनी चाहिए। इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं तो होती हैं जैसे नशे की लत लगती है, सांसों में बदबू आती है, दांत पीले हो जाते हैं। मगर, एक ऐसा और कारण है, जिसे जानने के बाद पक्का आप सिगरेट पीना छोड़ देंगे।
सिगरेट में फ्लेवर को बढ़ाने के लिए यूरिया का प्रयोग किया जाता है, जो यूरीन यानी पेशाब का एक इंग्रीडिएंट है। हालांकि, चिंता करने की बात नहीं है क्योंकि सिगरेट कंपनियां अपने कर्मचारियों को तंबाकू के मिश्रण में यूरीन करने के लिए नहीं कहती हैं। उपभोक्ता जिन सिगरेट का सेवन करते हैं, उनमें कार्बनिक यौगिक यूरिया का उपयोग किया जाता है।
हालांकि, आप वास्तव में धूम्रपान करते हुए यूरीन का सेवन नहीं कर रहे हैं। मगर, अगली बार जब आप सिगरेट को जलाएंगे, तो आपको वास्तव में इसके बारे में दो बार सोचना पड़ेगा।
इसे प्रयोगशालाओं में कृत्रिम रूप से बनाया जा सकता है। यूरिया का उपयोग कई कामों जैसे उर्वरक, प्लास्टिक, पशु चारा और यहां तक कि विस्फोटक आदि बनाने में किया जाता है। पूरे मानव शरीर में इसका प्रयोग किया जाता है और नाइट्रोजन उत्सर्जन में भी यह शामिल होती है।