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किसानों ने बताया कि तोते इस नशीले तरल पदार्थ का सेवन कर पेड़ों पर जाकर बैठ जाते हैं। जिसके कुछ देर बाद वह पेड़ से नीचे गिर जाते हैं या फिर किसी अन्य पक्षी के द्वारा मारे दिए जाते हैं। उनके अनुसार उनके इलाके में पक्षियों की कई तरह की प्रजाति हैं लेकिन इस तरल नशीले पदार्थ की ओर सिर्फ तोते ही आकर्षित होते हैं।

 

इन नशे में चूर तोतों की हरकतों ने गांव वालों को काफी परेशान किया हुआ है। जिस के कारण वह खेती भी नहीं कर पाते और इस मुसीबत से कैसे समाधान पाया जाए यह भी उनको नहीं पता चल पा रहा है।

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