मौत इंसान की जिंदगी का सबसे बड़ा सच और अंत है। मरने के बाद कोई भी इंसान वापस नहीं आता लेकिन अगर आपसे कहा जाए की कोई शख्स अपने दाह संस्कार के बाद वापस अपने घर आजाए तो क्या आप इस बात पर यकीन करेंगे। यकीनन आपको यह दक़ियानूसी और अंधविश्वासी बात मालूम होगी। लेकिन दरअसल यह बात सच है। क्योंकि एक लड़की अपने मरने के न्तीसरे दिन बाद ही अपने घर वापस लौट आई। मामला छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले का है जहां अंतिम संस्कार के बाद एक अज्ञात मृतका के वापस लौट आने की चर्चा इन दिनों गर्म है। चार दिनों तक गम में डूबे परिवार के लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। मृतका के परिजन जिसे अपनी नाबालिग बेटी समझकर अंतिम संस्कार कर चुके हैं आखिर वो कौन थी। अंतिम संस्कार के साथ ही उस मृतका के सभी साक्ष्य नष्ट हो चुके हैं। इस घटना ने सभी को चौंका कर रख दिया है।

गौरतलब है कि महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लॉक के गांव तेंदुलोथा से एक नाबालिग लड़की 17 अप्रैल को बिना बताए घर छोड़ कर चली गई थी। काफी खोजबीन के बाद जब लड़की नहीं मिली तो परिजनों ने नजदीकी थाने में इसकी सूचना दी। पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। 19 मई को भालुचुवां कंडीझर में एक अज्ञात युवती की अधजली लाश मिली थी। जिसे 20 मई को ग्राम तेंदुलोथा के एक परिवार ने अपनी बेटी होने की शिनाख्त की और पूरे रीति-रिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार किया।

अंतिम संस्‍कार करने के चौथे दिन 23 मई को परिवार वालों को अपनी बेटी के जीवित होने की सूचना मिली जो रायपुर से आई थी। पुलिस वाले नाबालिग को मंगलवार को बागबाहरा थाने लेकर आए। पुलिस ने कहा कि नाबालिग को रायपुर से बरामद कर लिया गया है। नाबालिग के मुताबिक मां की डांट-फटकार से वह घर छोड़कर चली गई थी। वह 15 दिन रहने के बाद रायपुर में रहकर दुकान में काम करने लगी थी। मीडिया के जरिए उसे अपनी मौत की खबर लगी तब वह मौसी के यहां गई।

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