सेंट फ्रांसिस जेवियर संत बनने से पहले एक सिपाही थे। वे इग्नाटियस लोयोला के स्टूडेंट थे। बता दें कि इग्नाटियस ने ‘सोसाइटी ऑफ जीसस’ नाम की धार्मिक संस्था शुरू की थी। उनकी मौत एक समुद्री यात्रा के दौरान हुई थी। ऐसा कहा जाता है कि सेंट जेवियर ने अपनी मौत से पहले ही शिष्यों को उनका शव गोवा में दफनाने को कहा था।

उनकी अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए उनके शव को गोवा में दफनाया गया था, लेकिन कुछ वर्र्षों बाद रोम से आए संतों के डेलिगेशन ने उनके शव को कब्र से बाहर निकालकर फ्रांसिस जेवियर चर्च में दोबारा दफना दिया। कहा जाता है कि उनके शव को कुल तीन बार दफनाया गया, लेकिन हर बार उनका शव पहली बार जितनी ही ताजा अवस्था में मिला। ऐसी कहानी भी प्रचलित है कि एक महिला ने सेंट फ्रांसिस जेवियर की डेड बॉडी के पैर पर सुई चुभोई तो उसमें से खून निकला। यह खून भी तब निकला जब उनकी बॉडी को सूखे सैकड़ों साल हो गए थे।

 

 

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