महाराष्ट्र के कोल्हापुर स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर में अंबाबाई की मूर्ति 26 किलो सोने की पालकी पर बैठेंगी। इस पालकी की कीमत लगभग 7 करोड़ रुपये है। यह पालकी बनाने का संकल्प मूर्ति स्थापना के 300 साल पुरे होने के उपलक्ष्य में वर्ष 2015 में लिया गया था।
इस पालकी का काम अप्रैल 2015 में शुरू किया गया था। जिसके लिए मंदिर ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं से सोने का चढ़ावा चढ़ाने का अनुरोध किया था। जिसके बाद देशभर से लगभग 26000 श्रद्धालुओं ने नकद, चेक, सोने के रूप में चढ़ावा चढ़ाया। जिससे यह पालकी तैयार की गई। पालकी को नक्काशीदार कारीगरी से सजाया गया है। इसके चारों ओर स्वर्ण मोर बने हैं। पहले पालकी को गुढ़ी पाड़वा के मौके पर श्री अंबाबाई को अपर्ण किया जाना था, लेकिन इस दिन चारों पीठ के शंकराचार्य की मौजूदगी नहीं होने से इस तिथि को आगे बढ़ा दिया गया।
कोल्हापुर में स्थित महालक्ष्मी का ये मंदिर न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि देश का सबसे प्रसिद्ध लक्ष्मी मंदिर माना जाता है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां सूर्य भगवान अपनी किरणों से स्वयं देवी लक्ष्मी का पद-अभिषेक करते हैं। जनवरी और फरवरी के महीने में सूर्य की किरणें देवी की पैरों का वंदन करती हुई मध्य भाग से गुजरते हुए फिर देवी का मुखमंडल को रोशनी करती हैं, जो कि एक अतभुत दृश्य प्रस्तुत करता है।