एलिजाबेथ के दिमाग में हमेशा से एक पागलपन था कि वह कमसिन कुंवारी लड़कियों के खून से नहाने से उसकी जवानी सारी उम्र बरकरार रहेंगी। इसी फतूर के चलते उसने 1585 से 1610 के दौरान 600 से भी ज्यादा लड़कियों को मौत दे दी और उनके खून से नहाने लगी।
वह गांव की गरीब लड़कियों को अपने महल में काम करने के लिए पैसों का लालच देकर बुला लेती लेकिन महल में आते ही लड़कियों के बुरे दिन शुरू हो जाते थे। वो उनको मारकर फिर उनके खून को टब में इकट्ठा कर स्नान करती थी। उसके इस काम में उसके तीन नौकर भी उसका साथ देते थे।