मुंबई की हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए महिलाओं को प्रवेश की इजाजत दे दी है। अब महिलाएं भी हाजी अली दरगाह में जा सकती है। हाईकोर्ट ने कहा कि संविधान इस बात की इजाजत देता है। इसी आधार पर महिलाओं से लगी पाबंदी हटा दी गई है। महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ रहीं तृप्ति देसाई ने इसे बड़ी जीत करार दिया है।
तृप्ति देसाई और भूमाता ब्रिगेड की कार्यकर्ता ने गुलाल के साथ हाई कोर्ट के फैसले का जश्न मनाया। मुस्लिम महिला आयोग ने 2012 में इस केस को मुंबई हाईकोर्ट लेकर गया था। मंबई हाईकोर्ट ने आज अपनी सुनवाई में कहा,’संविधान के तहत महिलाओं को भी वहां पर जाने की इजाजत है जहां पर पुरुष जा सकते हैं। इसलिए जैसे 4 साल पहले तक महिलाओं को जाने की इजाजत थी उसी तरह वो अब भी जा सकती हैं। महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराना हाजी अली ट्रस्ट की जिम्मेदारी है।
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आपको बता दें कि हाजी अली दरगाह में महिलाएं जा तो सकतीं थी लेकिन वो मजार से एक हाथ पीछे खड़ी होती थी। इसके खिलाफ मुस्लिम महिला आंदोलन नाम की संस्था ने बाम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। ट्रस्ट महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ है। हाजी अली दरगाह ट्रस्ट के मुफ्ती मंजूर ने कहा है कि वे इस फैंसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
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