इस परिवार की सुहागिनें पहनती सिर्फ सफेद साड़ी!

इस परिवार की सुहागिनें पहनती सिर्फ सफेद साड़ी!

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इस परिवार की सुहागिनें पहनती सिर्फ सफेद साड़ी! विवाहित महिलाओं की पहचान होती है साज श्रृंगार, लेकिन छत्तीसगढ़ में एक परिवार ऐसा है जहां की विवाहित महिलाएं कोई श्रृंगार नही करती। इस गांव की महिलाएं विधवा की तरह जीवन बिताती है। जी हां छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के कोसमी गांव के एक परिवार में विवाहित महिलाएं ना श्रृंगार करती है और ना ही रंगीन साड़ी पहनती है। आप को जानर हैरानी होगी कि ये महिलाएं पीछली दस पीढ़ियों से इस परम्परा को निभा रही हैं।

इस परिवार में बुजुर्ग महिला हो या फिर नई-नवेली दुल्हन सभी एक जैसे सफेद कपड़ों में ही रहती हैं। यहां तक कि शादी के मंडप में भी दुल्हन बिना श्रृंगार के सफेद साड़ी में ही सात फेरे लेती हैं। हालांकि, इस परिवार की बेटियां रंगीन कपड़े भी पहन सकती हैं और श्रृंगार भी कर सकती हैं। सादे लिबास में रहने की परम्परा केवल घर की बहुओं के लिए है। इन महिलाओं को बेशक इतना कठिन जीवन जीना पड़ता है उसके बावजूद भी लोग अपनी बेटी को इस घर की बहू बनाना अपना शौभाग्य समझते हैं। घर में एक साल पहले ही ग्रेजुएट पास नई बहू फिरंतन बाई आई है, पर उसे भी सादे लिबास में रहने से परहेज नहीं है, लेकिन वो क्या वजह है कि ये महिलाएं इस तरह विवाहित होकर भी विवाहितो का जीवन नही बिताती।

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