भारत के मध्य प्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैग दिए जाने पर पाकिस्तान के चावल उत्पादकों के समूह ने आपत्ति दर्ज करायी है। मध्य प्रदेश को इस साल के शुरुआत में बासमती चावल का जीआई टैग मिला था। पाकिस्तान के लाहौर स्थित बासमती उत्पादक संघ (बीजीए) ने भारत के चेन्नई स्थित इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी अपैलेट बोर्ड (आईपीएबी) में अपील दायर करके मध्य प्रदेश को यह टैग दिए जाने का विरोध किया है।

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जैसे स्कॉटलैंड में जो स्कॉच बनती है उसे स्कॉटलैंड का माना जाता है क्योंकि उसे जीआई टैग मिला है। दुनिया में दूसरी जगहों पर स्कॉच जैसी शराब बनती है लेकिन उसे स्कॉच नहीं माना जाता। दुनिया में बासमती की बहुत मांग है, ऐसे में जिस इलाक़े के बासमती को जीआई टैग मिला हुआ वहाँ के चावल को असली माना जाएगा। इससे उत्पाद का बाज़ार सुरक्षित हो जाता है।

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भारत में उत्तर-पश्चिमी इलाक़ों, उत्तराखंड, पंजाब इत्यादि में बासमती चावल पैदा होता है। लेकिन हम अमेरीका में भी बासमती पैदा कर सकते हैं। अमेरीका की एक कंपनी ने टेक्सास में बासमती जैसा चावल उगाया और उसे टेक्सामती नाम दिया तो भारत ने पेटेंट की लड़ाई लड़ी थी। उत्तर-पश्चिम भारत में पैदा होने वाला बासमती चावल खास होता है। जो बासमती उत्तर-पश्चिम भारत में पैदा होता है, वही असली बासमती है। उसमें एक क्षेत्रीय ख़ासियत होती है। भारत और पाकिस्तान के बीच हर बात के लिए परस्पर विरोध होना आम बात होती है। लेकिन दोनों देशों के आपसी संबंध के इतर विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की आपत्ति जायज है।

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