क्या आप जानते हैं की महिलाओं को श्मशान घाट पर क्यों नही जाने दिया जाता हैं…नही तो आज जान लीजिए हिन्दूओं में वैसे तो हर एक काम पुरुषों और महिलाओं में बाटां हुआ है लेकिन हमारे समाज में महिलाओं को बहुत सारे काम करने की इजाजत आज भी नहीं दी जाती है। इन कामों को न करने के लिए उन्हें सख्त निर्देश दिए जाते हैं।  इनमें से ही एक है महिलाओं को श्मशान घाट पर जाना। इसके पीछे कई कारण और नियम हैं।

पहला कारण– औरतें कोमल दिल की होती हैं वे खून खराबा, जलना व भयानक दृश्य नहीं देख सकती, इसीलिए औरतों को श्मशान में अंतिम संस्कार के वक्त नहीं ले जाया जाता।

दूसरा कारण- यह है कि ‘हिंदू रिवाज के हिसाब से जो अंतिम संस्कार करने जाता है उसे गंजा होना पड़ता है, गंजापन औरतों व लड़कियों को नहीं सुहाता, इसलिए औरतों को अंतिम संस्कार में नहीं ले जाया जा सकता’..

तीसरा कारण- लड़कियां और औरते कठोर दिल की नहीं होती और किसी अपने के मरने के बाद खुद का रोना रोक नहीं पाती, और ऐसे में श्मशान घाट पर औरत का रोना मतलब मरे हुए व्यक्ति कि आत्मा को शांति न मिलना, इसलिए भी औरतों को अंतिम संस्कार में शामिल नहीं किया जाता है’

चौथा सबसे बड़ा कारण- अक्सर अंतिम संस्कार के बाद पूरे घर कि सफाई की जाती है, जिससे कोई भी नकारात्मक शक्ति घर में न रह सके। घर कि साफ सफाई व अन्य काम के लिए औरतों को घर में रोका जाता है’ इसके साथ ही औरतें घर में रह कर आत्मा की शांति के लिए पूजा करती हैं।

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