हर कोई दुर्गापूजा के त्योहार का बेसबरी से इंतज़ार कर रहा है, मूर्तिकार भी सुंदर-सुंदर दुर्गा मां की मूर्तियां तैयार कर रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुर्गापूजा के लिए तैयार की गई माता दुर्गा की मूर्तियों को बनाने के लिए एक खास तरह की मान्यता है।
इन मूर्तियों को बनाने के लिए कोलकाता के सोनागाछी मिट्टी लाई जाती है। बता दें कि सोनागाछी कोलकाता का रेडलाइट इलाका है, जो सेक्स वर्कर्स के लिए जाना जाता है। क्यों होता है सोनागाछी की मिट्टी का इस्तेमाल और क्यों है ऐसी मान्यता?
मूर्ति बनाने वाले कलाकारों का कहना है कि परंपरा के मुताबिक इस मिट्टी को जब तक मूर्ति में इस्तेमाल नहीं किया जाता तब तक वह पूर्ण नहीं मानी जाती। सेक्स वर्कर के घर के बाहर की मिट्टी इस्तेमाल करने की मान्यता के बारे में कारीगर का कहना है कि जब कोई व्यक्ति ऐसी जगह पर जाता है तो उसकी सारी अच्छाइयां बाहर रह जाती हैं। उसी बाहर की मिट्टी को मूर्ति में लगाया जाता है।