बता दें कि पिछले हफ्ते ही यूपीए सरकार में विदेश मंत्री रहे एसएम कृष्णा ने कांग्रेस वर्किंग कमिटी और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। पहले यह दावा किया जा रहा था कि उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया है लेकिन येदियुरप्पा के दावे के बाद इसे कर्नाटक कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

गौरतलब है कि कांग्रेस में पांच दशक बिता चुके 84 वर्षीय एसएम कृष्णा पहली बार 1968 में मांड्या से सांसद चुने गए थे। वह इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। 1999 में उन्होंने कांग्रेस को कर्नाटक में जीत की दहलीज पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई और 2004 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद मनमोहन सिंह कैबिनेट में उन्होंने विदेश मंत्री का जिम्मा संभाला, हालांकि 2012 में उन्हें पद से इस्तीफा देकर राज्य की राजनीति में वापसी की। हालांकि वह कांग्रेस ने उन्हें दरकिनार कर जेडीएस से पार्टी में आए सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बना दिया। कृष्णा इस बात से खफा भी थे, लेकिन उन्हें मनाने के लिए पार्टी ने फिर उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया था।

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