उना में हुई दलितों की बाद राहुल गांधी जब पीड़ितों के घर सांत्वना के लिए पहुंचे तो एक औरत ने उन्हे मामू यानि बेवकूफ़ बना दिया।
दलित युवकों से मिलने जब राहुल गांधी उना पहुंचे तो वहां पीड़ित की फर्जी मां से मिलकर आ गए। उना में हुई दलितों की पिटाई के बाद राहुल गांधी यहां पहुंचे थे। हमदर्दी के लिए राहुल गांधी राजकोट सिविल अस्पताल गए तो वहां पीड़ितों की मां बनी महिला से मिले जहां उन्होंने उनसे हाथ मिलाया और सांत्वना के लिए गले भी लगाया था। कांग्रेस उपाध्यक्ष की सुरक्षा में हुई इस चूक के बाद अब कांग्रेस ने गुजरात कांग्रेस से सफाई मांगी है।
दो दिन पहले गुजरात के राजकोट में पीड़ित दलित युवकों से मिलने राहुल गांधी उना गए थे। जहां पर उन्होंने सिविल अस्पताल में भर्ती पीड़ित दलितों का हालचाल जाना था। पहले राहुल गांधी सीधे अस्पताल के वार्ड में घुसे जिसके बाद वो उस महिला से मिले जिसे राहुल गांधी ने पीड़ित की मां समझ लिया।महिला ने खुद को पीड़ित युवक की मां के तौर पर पेश किया इतना ही नहीं महिला ने पीड़ित की पीठ पलटकर उसके जख्म भी राहुल को दिखाए।
एबीपी न्यूज की पड़ताल में ये निकला है कि जिस महिला को राहुल गांधी ने पीड़ित युवक की मां समझ लिया, वो युवक की मां थी ही नहीं। केवल मां ही नहीं वो महिला पीड़ित की दूर दराज रिश्तेदार भी नहीं निकली। जिस महिला से राहुल मिलकर आए हैं उनका नाम है रमा बेन। हालांकि पीड़ित युवक महिला से अनजान की तरह बर्ताव नहीं कर रहा था।
कांग्रेस और राहुल की सुरक्षा करने वाले एसपीजी के लिए ये किसी फजीहत से कम नहीं है। जहां राहुल गांधी का दौरा होने वाला था वहां एक ऐसी महिला पहुंची हुई थी जिसे उसका होना गैर जरूरी था। ये मामला पूरी तरह से सुरक्षा की चूक का है। फजीहत इसलिए भी है क्योंकि राहुल के साथ गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी के साथ साथ स्थानीय कांग्रेस नेता भी थे। किसी को भनक नहीं थी महिला और पीड़ित युवक का क्या रिश्ता है। महिला पर राजकोट पुलिस थाने में दो केस भी दर्ज हैं।
ये है मामला
गुजरात के उना में कथित गोहत्या के आरोप में अपने समुदाय के युवकों की बेरहमी से पिटाई के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। कुछ दलित युवकों ने राजकोट में दो जगहों पर आत्महत्या करने की कोशिश की। इसे लेकर लगातार राजनीति भी गरमा रही है। कल संसद में भी इस मामले पर काफी हंगामा हुआ था।गुस्साए लोगों ने राजकोट, जामनगर सहित राज्य के कई इलाकों में तोड़फोड़ और आगजनी की है। बेकाबू भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। सात दलित युवकों ने राजकोट में दो जगहों पर कल आत्महत्या करने की कोशिश की। इन सभी सात दलित युवकों का इलाज गोंडल के एक अस्पताल में किया जा रहा है।