उत्तराखंड के शांतिपुरी स्थित एक बेहद पुराना गांव तुर्कागौरी का नाम पूरे देशभर सिर्फ इसलिए जाना जाता है, क्योंकि इनकी इस अनूठी पहल की वजह से भाईचारे का संदेश मिलता है। यहां लगभग 13 सालों के हिंदू और मुस्लिम साथ मिलकर रामलीला का आयोजन कर रहे हैं। राम के रूप में मुस्लिम युवक तो लक्ष्मण के रूप में हिंदू समुदाय के लोग मंचन करते हैं।
एकता और सौहार्द का उदाहरण आप इस तरह भी देख सकते हैं कि पिछले कई सालों से तुर्कागौरी के रामलीला कमेटी के अध्यक्ष भी सिर्फ मुस्लिम समाज से ही बन रहे हैं। गांव का हर कोई सदस्य चाहता है कि रामलीला का मंचन कराने की जिम्मेदारी सिर्फ उन्हें ही मिले।