यदि एेसा होता तो रावण का मरना था असंभव। वाल्मीकि रामायण में उल्लेखित है कि प्रभु श्रीराम ने लंकापति रावण का वध किया था। लेकिन रावण का वध करना इतना आसान नहीं था। क्योंकि रावण के पास एक विशाल सेना थी। जो दिव्य अस्त्रों से सुसज्जित थी।
यदि हम रामायणकालीन युद्ध कौशल पर पौराणिक ग्रंथों का अध्ययन करते हैं तो पाएंगे कि त्रेतायुग में ऋषि-मुनि हर दिन शोध कार्य किया करते थे। सूर्य व्यूह रचना इन्हीं शोध का परिणाम थी।
रामायण में उल्लेखित है सूर्य व्यूह के चलते लंका की सुरक्षा व्यवस्था बहुत ही बेहतर थी। राम की सेना कई प्रयत्न करने के बाद भी लंका में प्रवेश नहीं कर पा रही थी। तब अगस्त्य मुनि ने राम को स्वयं आदित्य द्वारा रचा गया हृदय स्रोत सिखाया था।
दरअसल, यह एक तरह की यंत्र कला थी। यदि प्रभु राम को हृदय स्रोत के बारे में जानकारी नहीं होती तो वह रावण का अंत नहीं कर पाते। रावण के पास कई तरह की सिद्धियां थीं जो उसने योग-तप और तंत्र विद्या के जरिए हासिल की थीं।
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