सोनीपत के खरखौदा में एक मुस्लिम परिवार ने अपनी बेटी की शादी में गाय दान कर एक अलग मिसाल पेश की है। जिसे लोगों द्वारा काफी सराहा जा रहाहै। अक्सर, मुस्लिम समुदाय को गौ-हत्या को लेकर कठघरे में खड़ा किया जाता है। आए दिन गौ हत्या और गौ तस्करी के आरोप में बहुत सी घटनाएं सामने आ रही है। और ऐसे में ये पहल काफी सराहनीय है।

पिता नूर खान ने पहले पूरे रीति-रिवाज के साथ अपनी बेटी की शादी कराई और इसके बाद में संत गोपालदास को बुला कर एक गाय दान कर उसकी विदाई की। शादी में शरीख हुए संत गोपालदास ने कहा, ऐसा काम करने से समाज में जो मुस्लिम समुदाय की तस्वीर सामने आती थी, इससे कहीं न कहीं लोगों का नजरिया जरूर बदलेगा और सभी की सोच में भी फर्क पड़ेगा।

नूर खान के इस फैसले की तारीफ हर जगह हो रही है। मुस्लिम परिवार द्वारा बेटी की शादी में गाय तोहफे में देने की इस पहल का लोगों ने स्वागत किया है।

लड़की के पिता नूर खान ने बताया कि उनकी बेटी गुलशाना को गायों से हमेशा से बेहद लगाव रहा है। वह गायों की बहुत सेवा करती है। इसलिए उन लोगों ने फैसला किया बेटी गुलशना को जब विदा करेंगे तो साथ में उसे गाय भी देंगे।

उन्होंने कहा, मेरी बेटी को गायों से बहुत ज्यादा प्यार है। वह हर गाय को रोटी-गुड़ खिलाया करती है। यहां तक कि उसने एक बार घर पर भी गाय पालने को कहा था, लेकिन जगह की कमी होने की वजह से हम ऐसा नहीं कर सके। लेकिन, तभी मैंने बेटी को शादी में गाय देने का वादा किया था।

अपने पिता के वादा पूरा करने पर भावुक हुई दुल्हन बनी गुलशाना ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, मैं खुश हूं कि मेरे पिता ने वादा पूरा किया। मैं गाय को एक पवित्र जानवर मानती हूं और मैं ससुराल में भी इसका पूरा ध्यान रखूंगी।

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