वॉटर मेट्रो प्रोजेक्‍ट लोगों को सहूलियत प्रदान करने के लिये चालू किया गया था। इस प्रोजेक्‍ट ने कोच्‍ची और उसके आस-पास के कई ऐसी जगहों को जोड़ा जहां से आने में आदमी को कई समस्‍याओं का समाना करना पड़ता था। ये अपनी तरह का पहला प्रोजेक्‍ट है।

ये प्रोजेक्‍ट जुलाई 2016 में शुरु किया गया है। आने वाले चार सालों में इसका पूरा होने की उम्‍मीद है। जर्मन विकास बैंक क्रेदितंताल्‍ट फुर विडरौबु ने वॉटर मेट्रो परियोजना के लिये 85 मिलियन यूरो का लोन दिया था। जर्मन बैंक‍ ने 747 करोड़ रूपये में कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड के साथ इस परियोजना हेतु समझौता किया था। वॉटर मेट्रो भूमि के साथ केरल के द्वीपों को आपस में जोड़ने की कड़ी है। इससे वहां के जनजीवन को बहुत फायदा होगा। केरल में पानी अधिक होने से लोगों को आने जाने में बहुत समस्‍या होती है। जर्मन बैंक ने 597 करोड़ का एक सॉफ्ट लोन इस प्रोजेक्‍ट के लिये पास किया है।

वॉटर मेट्रो नेटवर्क अतंर्राष्‍ट्रीय जलमार्ग के माध्‍यम से पर्यटकों को देश के विभिन्‍न द्वीपों और अंतिम छोर तक कनेक्‍टिविटी प्रदान करेगा। वॉटर मेट्रो परियोजना को‍च्‍ची को 78 आधुनिक नौकायन देगा। केरल के मुख्‍यमंत्री पिनाराई विजय ने इसका शुभारंभ किया था। वॉटर ट्रांजिट कॉरिडोर की स्‍थापना के बाद वॉटर मेट्रो परियोजना के तहत नौकाएं आठ समुद्री मील से 12 समुद्री मील तक की गति सेवा देंगी। वॉटर मेट्रो परियोजना के तहत 50 और 100 यात्रियों वाली वातानुकूलित और वाईफाई सेवायें दी गईं हैं।

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